श्री राजराजन ए,
विशिष्ट वैज्ञानिक, ने 01 अगस्त, 2025 को निदेशक, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। पूर्व में, वे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी शार), श्रीहरिकोटा के निदेशक थे।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसरो में विविध हैसियतों एवं भूमिकाओं में उनके निरंतर योगदानों और प्रौद्योगिकी संबंधी नेतृत्व ने परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है।
निदेशक,एसडीएससी शार के रूप में, वे इसरो के प्रमोचनों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए ठोस मोटर उत्पादन और प्रमोचन कॉम्प्लेक्स अवसंरचना में बहु-विषयक तकनीकी टीमों का नेतृत्व करते थे। सफलतापूर्वक पूरे किए गए मुख्य उड़ानों में चंद्रयान-3, आदित्य एल1, लघु उपग्रह प्रमोचन यान (एसएसएलवी), एलवीएम3 एम2 / देश का प्रथम समर्पित वाणिज्यिक अभियान वनवेब इंडिया-1 -, विक्रम-एस - निजी रूप से निर्मित देश का पहला रॉकेट एवं टीवीडी 01 जैसे मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम (गगनयान) जैसी प्रयोगात्मक उड़ानें शामिल हैं।
लगभग चार दशक के अपने कैरियर के दौरान उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में कई नेतृत्व पदों पर कार्य किया है, जहां वे तीन प्रमुख एन्टिटियों के उप निदेशक थे। इस अवधि के दौरान, इसरो को इस विशिष्ट विषय क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करने लायक बनाते हुए, उन्होंने प्रमोचन यानों की अभिकल्पना एवं विकास और कार्बन-कार्बन सम्मिश्र सहित अंतरिक्ष यान सम्मिश्र प्रणालियों में विशेषज्ञता प्राप्त की। उन्होंने एसएसएलवी की मुख्य नोदन प्रणालियों की अभिकल्पना एवं वीएसएससी में अंतरिक्ष ऑर्डनेंस के लिए एक समर्पित एन्टिटि के गठन की दिशा में सभी गतिविधियों का समन्वय भी किया।
वे देश के प्रौद्योगिकी परिदृश्य में काफी सक्रिय हैं और नवंबर, 2023 से आइएसएएमपीई, भारत के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते आ रहे हैं। उनके नाम कई अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका एवं सम्मेलन लेख हैं तथा उन्हें फिल्म-बॉइलिंग सीवीआइ प्रौद्योगिकी विकास के क्षेत्र में पेटेंट से सम्मानित किया गया था।
अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में उनके उत्कृष्ट योगदानों के लिए सत्यभामा विश्वविद्यालय, चेन्नै द्वारा उन्हें मानद डॉक्टरेट से सम्मानित किया गया है। अंतरिक्ष अनुसंधान में उनके सराहनीय योगदान के लिए उन्हें इसरो योग्यता पुरस्कार एवं और टीम उत्कृष्टता पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।