साउंडिंग रॉकेट्स
साउंडिंग रॉकेट
आमतौर पर एक या दो चरण के ठोस नोदक रॉकेट होते हैं। वे मुख्य रूप से रॉकेट-वाहित उपकरण का उपयोग करके ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों की जांच करने हेतु अभिप्रेत हैं। वे प्रमोचन यानों और उपग्रहों में उपयोग के लिए नए घटकों या उप प्रणालियों के प्रोटो-किस्म के परीक्षण के मंच के रूप में भी काम करते हैं। 21 नवंबर, 1963 को केरल के तिरुवनंतपुरम के पास तुंबा से अमरिका द्वारा निर्मित पहला परिज्ञापी रॉकेट 'नाइके अपाचे' के प्रमोचन ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत को अंकित किया। बाद के दिनों में रूस (एम-100) और फ्रांस (सेंटौर) से आयात किए गए दो चरणों वाले रॉकेटों का प्रमोचन देखा गया। जबकि एम-100 70 कि.ग्रा. का प्रदायभार 85 कि.मी. की ऊंचाई तक ले जा सकता है, सेंटौर लगभग 30 कि.ग्रा. के प्रदायभार के साथ 150 किमी तक पहुंचने में सक्षम था। वर्ष 1970 में, यूएसएसआर की हाइड्रोमेटोरोलॉजिकल सर्विसेज ने इसरो के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, ताकि वे हर हफ्ते टर्ल्स से अपने मौसम संबंधी परिज्ञापी रॉकेट, एम -100 का प्रमोचन कर सके। यह कार्यक्रम वर्ष 1993 तक निर्बाध रूप से चलता रहा।
वर्ष 1967 में, इसरो ने टर्ल्स से रोहिणी नाम की हमारे अपने परिज्ञापी रॉकेटों की एक श्रृंखला का प्रमोचन शुरू किया। आरएच-75, 75मि.मी. व्यास के साथ, सही मायने में पहला भारतीय परिज्ञापी रॉकेट था, जिसके बाद आरएच-100 और आरएच -125 रॉकेट आए। परिज्ञापी रॉकेट कार्यक्रम अवश्य वह आधारशिला था जिस पर प्रमोचन यान प्रौद्योगिकी का भवन बनाया गया था। प्राप्त अनुभव ठोस नोदक प्रौद्योगिकी और प्रमोचन यानों की संबद्ध प्रणालियों में महारत हासिल करने में अत्यधिक मूल्यवान था। रोहिणी परिज्ञापी रॉकेटों का उपयोग करके राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के साथ कई वैज्ञानिक अभियान आयोजित किए गए हैं।
प्रचालनात्मक परिज्ञापी रॉकेट
वर्तमान में, प्रचालनात्मक परिज्ञापी रॉकेट में आरएच-200, आरएच-300-मार्क-II और आरएच-560-मार्क-III नामक तीन रूपांतर शामिल हैं। ये 8 से 100 कि.ग्रा. का प्रदायभार रेंज और 80 से 475 कि.मी.
वाहन | आरएच -200 | आरएच-300-एमके द्वितीय | आरएच -560-एमके-III |
प्रदायभार (कि.ग्रा. में) | 10.5 | 70 | 100 |
ऊंचाई (किमी में) | 75 | 120 | 550 |
प्रयोजन | मौसम-विज्ञान | मध्य वायुमंडलीय अध्ययन | ऊपरी वायुमंडलीय अध्ययन |
लांच पैड | तुंबा | तुंबा/एसडीएससी-शार | एसडीएससी-शेयर |